Monday, August 4, 2008

Naam gum jayega


नाम गुम जायेगा, चेहरा ये बदल जायेगा
मेरी आवाज ही पहचान है , गर याद रहे

वक्त के सितम कम हसीं नही, आज हैं यहाँ कल कही नही
वक्त के परे अगर मिल गए कही, मेरी आवाज ही...

जो गुजर गयी, कल की बात थी, उमर तो नहीं एक रात थी
रात का सिरा अगर फ़िर मिले कही, मेरी आवाज ही...

दिन ढले जहा रात पास हो, जिंदगी की लौ ऊँची कर चलो
याद आए गर कभी जी उदास हो, मेरी आवाज ही...
-- गुलज़ार

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